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Historical Mystery eBooks

If you like Historical Mystery eBooks, then you'll love these top picks.
Showing 1 - 18 of 18 Results
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  • Kusum Kumari (Hindi Novel)

    कुसुम कुमारी (उपन्यास)

    देवकी नन्दन खत्री का एक अनूठा उपन्यास... ठीक दोपहर का वक्त और गर्मी का दिन है। सूर्य अपनी पूरी किरणों का मजा दिखा रहे हैं। सुनसान मैदान में दो आदमी खूबसूरत और तेज घोड़ों पर सवार साये की तलाश और ठंडी जगह की खोज में इधर-उधर देखते घोड़ा फेंके चले जा रहे हैं। ये इस बात को बिलकुल नहीं जानते कि शहर किस तरफ है या आराम लेने के लिए ठंडी जगह कहां मिलेगी। घड़ी-घड़ी रूमाल से अपने मुंह का पसीना पोंछते और घोड़ा ... Read more

    $6.99 AUD

  • Agnikaal/अग्निकाल

    Agnikaal/अग्निकाल

    यह कहानी मध्यकाल के मशहूर सेनानायक मलिक काफ़ूर की है जो अल्लाउद्दीन खिलजी के दरबार में उसका नायब था। काफ़ूर को हिजड़ा बनाकर कई-कई बार बेचा गया था और बाद में वह खिलजी के दरबार में पहुँचा। उसने बड़े-बड़े कारनामे किए। उसने मंगोल हमलों से दिल्ली की रक्षा की, दक्कन का फतह किया और देवगिरि व वारंगल का राज्य जीतकर सुल्तान के कदमों में रख दिया। लेकिन उसकी महात्वाकांक्षा बाद में उसे ले डूबी और उसका पतन हुआ। ... Read more

    $6.99 AUD

  • Chandrakanta Santati-2

    चन्द्रकान्ता सन्तति-2

    Series Book 2 - Chandrakanta
    पाठक समझते होंगे कि ऐसे समय में इन लोगों के आ पहुँचने और जान बचाने से किशोरी खुश हुई होगी और इन्द्रजीत से मिलने की कुछ उम्मीद भी उसे हो गई होगी मगर नहीं, अपने बचाने वाले को देखते ही किशोरी चिल्ला उठी और उसके दिल का दर्द पहले से भी ज़्यादे बढ़ गया। किशोरी ने आसमान की तरफ़ देखकर कहा, ‘‘मुझे तो विश्वास हो गया था कि इस चिता में जल कर ठण्ढे-ठण्ढे बैकुँठ चलीजाऊँगी। क्योंकि इसकी आँच कुँअर इन्द्रजीतसिंह क ... Read more

    $6.99 AUD

  • Chandrakanta Santati

    Part-2: चंद्रकांता संतति खण्ड-2

    चंद्रकांता- देवकीनंदन खत्री कृत उपन्यास ‘चद्रंकाता' एक शुद्ध लौकिक प्रेम कहानी है जिसमें तिलिस्मी और ऐयारी के अनेक चमत्कार पाठक को चमत्कृत करते हैं। ‘चद्रंकाता' ऐसी औपन्यासिक रचना है जिसने जनसाधारण में उपन्यास पढ़ने की प्रवृत्ति जागृत की एवं पहली बार हिन्दी पाठकों को कथा रस से अवगत कराकर उन्हें अभिभूत कर लिया।चंद्रकांता संतति (छह भाग में) - ‘चद्रंकांता संतति' द्वेष, घृणा एवं ईर्ष्या पर प्रेम के व ... Read more

    $4.39 AUD

  • Chandrakanta Santati : Part-3

    चंद्रकांता संतति खण्ड-3

    चंद्रकांता- देवकीनंदन खत्री कृत उपन्यास ‘चद्रंकाता' एक शुद्ध लौकिक प्रेम कहानी है जिसमें तिलिस्मी और ऐयारी के अनेक चमत्कार पाठक को चमत्कृत करते हैं। ‘चद्रंकाता' ऐसी औपन्यासिक रचना है जिसने जनसाधारण में उपन्यास पढ़ने की प्रवृत्ति जागृत की एवं पहली बार हिन्दी पाठकों को कथा रस से अवगत कराकर उन्हें अभिभूत कर लिया।चंद्रकांता संतति (छह भाग में) - ‘चद्रंकांता संतति' द्वेष, घृणा एवं ईर्ष्या पर प्रेम के व ... Read more

    $4.39 AUD

  • Chandrakanta

    चन्द्रकान्ता

    ‘चन्द्रकान्ता’ (सन् १८८८) को मूलतः और प्रमुखतः एक प्रेम-कथा कहा जा सकता है। चार हिस्सों में विभाजित इस उपन्यास की कथा अनायास ही हमें मध्यकालीन प्रेमाख्यानक काव्यों का स्मरण कराती है। इस प्रेम-कथा में अलौकिक और अतिप्राकृतिक तत्त्वों का प्रायः अभाव है और न ही इसे आध्यात्मिक रंग में रंगने का ही प्रयास किया गया है। यह शुद्ध लौकिक प्रेम-कहानी है, जिसमें तिलिस्मी और ऐयारी के अनेक चमत्कार पाठक को चमत्कृत ... Read more

    $6.99 AUD

  • (Vimaan)

    (Untold story of never the mentioned Rocketeers ) / अनटोल्ड स्टोरी ऑफ द नेव्हर मेंशन्ड रॉकेटीअर्स

    by PrasenJEET ...
    Be that any war, no matter who is Victorious, or who is defeated.. Only the Kings or commanders are Known, The soldiers who fought by their side remain lost in the dark, And the hands of those who made the weapons are not even recognised.We all have heard of the one who made the revolver- Colt, and about his Guns. But Do you know the Indians who made Weapons? In India, Soldiers of Tipu Sultan ... Read more

    $1.91 AUD

  • Chandrakanta Santati-6

    चन्द्रकान्ता सन्तति-6

    Series Book 6 - Chandrakanta
    भूतनाथ अपना हाल कहते-कहते कुछ देर के लिए रुक गया और इसके बाद एक लम्बी साँस लेकर पुनः यों कहने लगा ‘‘मैं अपने को कैदियों की तरह और सामने अपनी ही स्त्री को सरदारी के ढंग पर बैठे हुए देखकर, एक दफे घबड़ा गया और सोचने लगा कि क्या मामला है? मेरी स्त्री मुझे सामने ऐसी अवस्था में देखे और सिवाय मुस्कुराने के कुछ न बोले!! अगर वह चाहती तो मुझे अपने पास गद्दी पर बैठा लेती, क्योंकि इस कमरे में जितने दिखायी दे ... Read more

    $6.99 AUD

  • Chandrakanta Santati-4

    चन्द्रकान्ता सन्तति-4

    Series Book 4 - Chandrakanta
    अब हम अपने पाठकों का ध्यान जमानिया के तिलिस्म की तरफ फेरते हैं, क्योंकि कुँअर इन्द्रजीतसिंह और आनन्दसिंह को वहाँ छोड़े बहुत दिन हो गये, और अब बीच में उनका हाल लिखे बिना किस्से का सिलसिला ठीक नहीं होता। हम लिख आये हैं कि कुँअर इन्द्रजीतसिंह ने तिलिस्मी किताब को पढ़कर समझने का भेद आनन्दसिंह को बताया, और इतने ही में मन्दिर के पीछे की तरफ से चिल्लाने की आवाज आयी। दोनों भाइयों का ध्यान एकदम उस तरफ चला ... Read more

    $6.99 AUD

  • Bose (Hindi)/Subhash Babu/सुभाष बाबू

    Ek Asahaj Karnewale Rashtrawadi Ki Ankahi Kahani/एक असहज करनेवाले राष्ट्रवादी की अनकही कहानी

    आम लोग सुभाष चंद्र बोस के गांधी से मतभेद और जर्मनी व जापान की मदद से द्वितीय विश्वयुद्ध में भारत को आज़ाद करवाने के प्रयासों के बारे में जानते हैं। लेकिन अब जो सूचनाएँ सामने आ रही हैं, वो बताती हैं कि उनके देश भर के क्रांतिकारियों से कैसे संबंध थे और अध्यात्म और खुफिया मिशनों से उनको कितना लगाव था। साथ ही, उन्होंने ब्रिटिश भारतीय सेना में विद्रोह पैदा करवाने के क्या-क्या प्रयास किए थे।प्रश्न यह है ... Read more

    $6.99 AUD

  • Chandrakanta Santati-1

    चन्द्रकान्ता सन्तति-1

    Series Book 1 - Chandrakanta
    नौगढ़ के राजा सुरेन्द्रसिंह के लड़के बीरेन्द्रसिंह की शादी विजयगढ़ के महाराज जयसिंह की लड़की चन्द्रकान्ता के साथ हो गयी। बारातवाले दिन तेजसिंह की आखिरी दिल्लगी के सबब चुनार के महाराज शिवदत्त को मशालची बनना पड़ा। बहुतों की यह राय हुई कि महाराज शिवदत्त का दिल अभी तक साफ नहीं हुआ इसलिए अब इनको कैद ही में रखना मुनासिब है, मगर महाराज सुरेन्द्रसिंह ने इस बात को नापसन्द करके कहा कि ‘महाराज शिवदत्त को हम ... Read more

    $6.99 AUD

  • Chandrakanta Santati : Part-6

    चंद्रकांता संतति खण्ड-6

    चंद्रकांता- देवकीनंदन खत्री कृत उपन्यास ‘चद्रंकाता' एक शुद्ध लौकिक प्रेम कहानी है जिसमें तिलिस्मी और ऐयारी के अनेक चमत्कार पाठक को चमत्कृत करते हैं। ‘चद्रंकाता' ऐसी औपन्यासिक रचना है जिसने जनसाधारण में उपन्यास पढ़ने की प्रवृत्ति जागृत की एवं पहली बार हिन्दी पाठकों को कथा रस से अवगत कराकर उन्हें अभिभूत कर लिया।चंद्रकांता संतति (छह भाग में) - ‘चद्रंकांता संतति' द्वेष, घृणा एवं ईर्ष्या पर प्रेम के व ... Read more

    $4.39 AUD

  • Chandrakanta Santati : Part-5

    चंद्रकांता संतति खण्ड-5

    चंद्रकांता- देवकीनंदन खत्री कृत उपन्यास ‘चद्रंकाता' एक शुद्ध लौकिक प्रेम कहानी है जिसमें तिलिस्मी और ऐयारी के अनेक चमत्कार पाठक को चमत्कृत करते हैं। ‘चद्रंकाता' ऐसी औपन्यासिक रचना है जिसने जनसाधारण में उपन्यास पढ़ने की प्रवृत्ति जागृत की एवं पहली बार हिन्दी पाठकों को कथा रस से अवगत कराकर उन्हें अभिभूत कर लिया।चंद्रकांता संतति (छह भाग में) - ‘चद्रंकांता संतति' द्वेष, घृणा एवं ईर्ष्या पर प्रेम के व ... Read more

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  • कालगा-पिशाचों के देव। ('Kaalgaa'-Pishachon ke dev)

    'कलियुग के १२०० दिव्य वर्ष' [त्रय कथा] भाग-०१

    by Rahul Pandey ...
    Series series 'कलियुग के १२०० दिव्य वर्ष' [त्रय कथा]
    लेखकीयत्रयकथा-संस्करण तीन "देवों की अमरता का रहस्य" के बखान में।..कथा-कथित, पुस्तकीय परिकल्पना के माध्यम से, ..लेखक, केवल यह, दर्शाने तथैव सिद्ध करने की, कोशिश में, व अन्यत्र क्रमिक घटनाओं, कृत्य, तथा छायांकन के, अवमूलन उपरांत, धरती पर इंसानियत में, देवों के प्रचलन की प्रमुखता, देवाधि कर्म प्रधानता, व उनकी प्रमुखताओं की, अनेकों प्रतिभूतियां प्रस्तुत करता है, धरती पर देवों के, आवा-गमन, व आवा-गमन के ... Read more

    $11.74 AUD or Free with Kobo Plus

  • Chandrakanta Santati-5

    चन्द्रकान्ता सन्तति-5

    Series Book 5 - Chandrakanta
    हमारे पाठक ‘लीला’ को भूले न होगें। तिलिस्मी दारोगावाले बँगले की बर्बादी के पहिले तक इसका नाम आया है, जिसके बाद फिर इसका जिक्र नहीं आया*। (*देखिए चन्द्रकान्ता सन्तति, नौवाँ भाग, आठवाँ बयान।) लीला को जमानिया की खबरदारी पर मुकर्रर करके मायारानी काशीवाले नागर के मकान में चली गयी थी और वहाँ दरोगा के आ जाने पर उसके साथ इन्द्रदेव के यहाँ चली गयी। जब इन्द्रदेव के यहाँ से भी वह भाग गयी और दारोगा तथा शेरअल ... Read more

    $6.99 AUD

  • स्वर्ग एक युद्धक्षेत्र [A battlefield on paradise.]

    by Rahul Pandey ...
    Series series ‘कलियुग के १२०० दिव्य वर्ष’
    पटकथा पृष्ठभूमि:-संक्षिया वर्णित उपाख्यान, त्रयकथा "बारह सौ दिव्या वर्ष कलियुग के" उपन्यास अवतरण भाग-०२ "स्वर्ग एक युद्ध-क्षेत्र" की भूमिगत व पटपथलिय संरचनात्मकता प्रथम भाग के, अंत के सिरे को, जोड़ते हुए, उदय की ओर को अग्रेषित होती है, कथकिय भावांतर में, यह त्रयकथा अपने पहले प्रति के, प्रमुख उन्नायक पात्र "कालगा" जोकि, पैशाचिक देव शक्ति-लोकिय स्वामित्व प्रदान चरित्र के, इर्द-गिर्द घूमती हुई, कलियुग ... Read more

    $11.74 AUD or Free with Kobo Plus

  • ANJU KI PUKAR

    SATYA GHATNA PAR ADHARIT

    YEH SATYA GHATNA MERE JEEVAN ME GHAT CHUKI HAI, ISKA SWAYAM ANUBHAV KIYA HAI,KAHI MANTRIKO,MURSHADO KE KAAM KARNE KA DAANG BAHUT NAZDIK SE DEKHA HAI. ... Read more

    $4.40 AUD

  • Chandrakanta Santati-3

    चन्द्रकान्ता सन्तति-3

    Series Book 3 - Chandrakanta
    अब वह मौका आ गया है कि हम अपने पाठकों को तिलिस्म के अन्दर ले चलें और वहाँ की सैर करावें, क्योंकि कुँअर इन्द्रजीत सिंह और आनन्दसिंह मायारानी के तिलिस्मी बाग के चौथे दर्जे में जा विराजे हैं, जिसे एक तरह पर तिलिस्म का दरवाजा कहना चाहिए। ऊपर के भाग में यह लिखा जा चुका है कि भैरोसिंह को रोहतासगढ़ की तरफ़ और राजा गोपालसिंह और देविसिंह को काशी की तरफ़ रवाना करने के बाद इन्द्रजीतसिंह, आनन्दसिंह, तेजसिंह, ... Read more

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